गृह मंत्रालय को 2.19 लाख करोड़ से ज्यादा का बजट, आधे से ज्यादा केंद्रीय पुलिस बलों के नाम
Union Budget 2024
नई दिल्ली। Union Budget 2024: केंद्रीय बजट में गृह मंत्रालय को 2,19,643.31 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इनमें से 1,43,275.90 करोड़ रुपये सीआरपीएफ, बीएसएफ और सीआइएसएफ जैसे अर्धसैनिक बलों को मिलेंगे। अंतरिम बजट 2024-25 में गृह मंत्रालय को 2,02,868.70 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के विरुद्ध अभियानों, मध्य और पूर्वी भारत में नक्सलियों तथा पूर्वोत्तर में उग्रवादियों के विरुद्ध अभियानों के लिए तैनात किया जाता है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारत की सीमाओं की रक्षा करता है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) परमाणु संयंत्रों, हवाईअड्डों और मेट्रो नेटवर्क जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करता है।भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) चीन-भारत सीमा की रक्षा करती है, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमाओं की रक्षा करती है, जबकि असम राइफल्स म्यांमार के साथ भारत की सीमा की रक्षा करती है।
जम्मू कश्मीर को मिले 42,277.74 करोड़ रूपये
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जम्मू-कश्मीर को 42,277.74 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश है। बजट में अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह को 5,985.82 करोड़ रुपये, चंडीगढ़ को 5,862.62 करोड़ रुपये, लद्दाख को 5,958 करोड़ रुपये, दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव को 2,648.97 करोड़ रुपये तथा लक्षद्वीप को 1,490.10 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
बजट में जनगणना से संबंधित कार्यों के लिए 1,309.46 करोड़ रुपये (2023-24 में 578.29 करोड़ रुपये) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को 1,606.95 करोड़ रुपये (2023-24 में 1,666.38 करोड़ रुपये) आवंटित किए गए हैं।खुफिया ब्यूरो (आइबी) को 3,823.83 करोड़ रुपये, दिल्ली पुलिस को 11,180.33 करोड़ रुपये, स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप (एसपीसी) को 506.32 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। आइबी भारत की आंतरिक खुफिया एजेंसी है, दिल्ली पुलिस राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा करती है और एसपीजी प्रधानमंत्री को सुरक्षा करती है।
बार्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं प्रबंधन के लिए 3,756.51 करोड़ रुपये और पुलिस इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 3,152.36 करोड़ रुपये दिए गए हैं। महिला सुरक्षा से संबंधित योजनाओं के लिए 1,105 करोड़ रुपये , विभिन्न केंद्रीय परियोजनाओं और गृह मंत्रालय की योजनाओं के लिए 9,305.43 करोड़ रुपये, सुरक्षा संबंधी खर्च के लिए 3,199.62 करोड़ रुपये और वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के लिए 1,050 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
बजट में केंद्रीय मंत्रिमंडल को 1,248.91 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसके अंतर्गत मंत्रिपरिषद, कैबिनेट सचिवालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, सरकार के आतिथ्य और मनोरंजन पर खर्च किया जाएगा। आपदा प्रबंधन, राहत और पुनर्वास तथा राज्य सरकारों को अनुदान आदि के लिए 6,458 करोड़ रुपये दिए गए हैं।सेफ सिटी परियोजना को 214.44 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय को 80 करोड़ रुपये तथा राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय को 90 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
बजट में सीबीआइ को मिले 951 करोड़ रुपये
केंद्रीय बजट में सीबीआइ को 951.46 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 2023-24 के संशोधित बजट अनुमान में सीबीआइ को अपने खर्चों के लिए 968.86 करोड़ रुपये मिले थे। सीबीआइ के प्रशिक्षण केंद्रों का आधुनिकीकरण, तकनीकी और फोरेंसिक सहायता इकाइयों की स्थापना, सीबीआइ के लिए भूमि की खरीद/कार्यालय/आवासीय भवनों का निर्माण जैसी विभिन्न परियोजनाओं के लिए इस रकम का उपयोग किया जा सकेगा।
अल्पसंख्यक मंत्रालय के लिए बजट आवंटन में 574 करोड़ रुपये की वृद्धि
केंद्रीय बजट में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के लिए 3,183.24 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। यह 2023-24 के संशोधित अनुमान से 574.31 करोड़ अधिक है। 2023-24 में मंत्रालय के लिए बजट आवंटन 3,097.60 रुपये था। हालांकि, संशोधित अनुमान 2,608.93 रुपये था।
मंत्रालय के लिए प्रस्तावित आवंटन में से 1,575.72 करोड़ रुपये शिक्षा सशक्तीकरण के लिए हैं। अल्पसंख्यकों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 326.16 करोड़ रुपये और अल्पसंख्यकों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 1,145.38 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं/परियोजनाओं के लिए कुल 2,120.72 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। मंत्रालय के प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के लिए 910.90 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।